“विकसित भारत 2047” भारत सरकार का एक दूरदर्शी संकल्प है, जिसका उद्देश्य भारत को 2047 तक — जब देश अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा — एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह पहल केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय, सतत विकास, नागरिक कल्याण और समावेशी विकास की ओर भी केंद्रित है।
इस अभियान के तहत सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल भारत, नवाचार, बुनियादी ढांचे, हरित ऊर्जा, ग्रामीण विकास, और युवा शक्ति जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक सुधार और नवाचार ला रही है। इसका उद्देश्य एक ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर, वैश्विक मंच पर प्रभावशाली, और प्रत्येक नागरिक के लिए अवसरों से भरपूर हो।
“विकसित भारत @2047” में जनभागीदारी को विशेष महत्व दिया गया है। सरकार चाहती है कि देश का हर नागरिक इस परिवर्तन यात्रा का सक्रिय भाग बने। विशेष रूप से युवा पीढ़ी को इस अभियान में सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
यह संकल्प एक नए भारत की नींव रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है—एक ऐसा भारत जो तकनीकी रूप से सशक्त, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील, और हर दृष्टि से समृद्ध हो। “विकसित भारत @2047” केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हर भारतीय के सपनों का साकार रूप है।
सरकार की रणनीतियाँ (Strategies of the Government)
(a) समावेशी विकास (Inclusive Growth)
“विकसित भारत @2047” के तहत भारत सरकार ने समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है, जिससे समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इस रणनीति का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति, समुदाय या क्षेत्र पीछे न रह जाए।
सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल साक्षरता, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक अवसरों को सभी वर्गों तक पहुंचाने के लिए व्यापक योजनाएं चला रही है। विशेष ध्यान अनुसूचित जातियों, जनजातियों, दिव्यांगजनों, महिलाओं और पिछड़े क्षेत्रों पर दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, और आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समान अवसर प्रदान किए हैं। डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलें युवाओं और उद्यमियों को सशक्त बना रही हैं।
इसके अतिरिक्त, सरकार सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए नीति निर्माण में सभी हितधारकों की भागीदारी को सुनिश्चित कर रही है।
इस प्रकार, समावेशी विकास के माध्यम से “विकसित भारत @2047” का सपना एक ऐसा भारत गढ़ने का है जो न्यायपूर्ण, समान और सबके लिए समृद्ध हो।

(b) बुनियादी ढांचे का विकास (Infrastructure Development)
“विकसित भारत @2047” के दृष्टिकोण में बुनियादी ढांचे का विकास एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश का हर क्षेत्र — चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण — मजबूत, टिकाऊ और आधुनिक ढांचागत सुविधाओं से सुसज्जित हो।
सरकार प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना, भारतमाला, सागरमाला, और स्मार्ट सिटी मिशन जैसी पहलों के माध्यम से सड़कों, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का तीव्र विकास कर रही है। ग्रामीण भारत में भी सड़क, जल, बिजली और इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है।
इसके साथ ही, हरित ऊर्जा, जल संरक्षण और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष बल दिया जा रहा है ताकि विकास टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल हो।
बुनियादी ढांचे के सशक्तिकरण से न केवल आर्थिक प्रगति को बल मिलेगा, बल्कि नागरिकों की जीवन गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
(c) शिक्षा और कौशल विकास
“विकसित भारत @2047” के अंतर्गत शिक्षा और कौशल विकास को राष्ट्र निर्माण का मूल आधार माना गया है। सरकार का उद्देश्य ऐसा शिक्षा तंत्र विकसित करना है जो नवाचार, सोचने की क्षमता और व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ावा दे।
नई शिक्षा नीति (2020) के तहत स्कूली शिक्षा को अधिक लचीला और रुचिकर बनाया गया है। मातृभाषा में शिक्षा, मूल्य आधारित सीख, और तकनीकी शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। उच्च शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में भी कई कदम उठाए गए हैं।
साथ ही, कौशल भारत मिशन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसी पहलों के माध्यम से युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म जैसे DIKSHA और SWAYAM ने शिक्षा को सुलभ और सर्वव्यापी बनाया है।
इस प्रकार, शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से “विकसित भारत” की नींव को मजबूत किया जा रहा है।
(d) पर्यावरण और सतत विकास
“विकसित भारत @2047” के तहत भारत सरकार सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार का उद्देश्य ऐसा विकास करना है जो आर्थिक प्रगति के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन को भी बनाए रखे।
इस दिशा में राष्ट्रीय हरित ऊर्जा मिशन, ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, सोलर मिशन, और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन और जल विद्युत को बढ़ावा देकर भारत नेट ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।
हरित परिवहन, क्लाइमेट-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर, और कचरा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी नवाचार हो रहे हैं। वृक्षारोपण, जल संरक्षण और सतत कृषि को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यावरणीय संतुलन साधा जा रहा है।
इस प्रकार, “विकसित भारत @2047” एक ऐसा भारत गढ़ रहा है जो पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित हो।
जनता की भागीदारी (Public Participation)
(a) जन संवाद और सुझाव
“विकसित भारत @2047” का संकल्प केवल सरकार की योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें देश की जनता की सक्रिय भागीदारी को प्रमुख स्थान दिया गया है। सरकार मानती है कि जन संवाद और सुझाव के बिना समावेशी और टिकाऊ विकास संभव नहीं है।
इस दृष्टिकोण से नागरिकों के विचार, सुझाव और सहभागिता को योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में शामिल किया जा रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे MyGov, जन भागीदारी पोर्टल, और Viksit Bharat Sampark के माध्यम से लाखों लोग अपने सुझाव साझा कर रहे हैं।
विद्यालयों, कॉलेजों, पंचायतों और सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से जन संवाद कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
इस प्रकार, “विकसित भारत 2047” एक सहभागी लोकतंत्र का आदर्श प्रस्तुत करता है, जिसमें हर नागरिक नीति निर्माण का सक्रिय हिस्सा बनता है।
(b) जन आंदोलन की भावना
“विकसित भारत @2047” में जनभागीदारी को केवल सहयोग नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन के रूप में देखा जा रहा है। सरकार चाहती है कि यह अभियान हर नागरिक का व्यक्तिगत संकल्प और राष्ट्रीय कर्तव्य बने।
जैसे स्वच्छ भारत मिशन ने सफाई को जनआंदोलन बनाया, वैसे ही विकसित भारत का सपना भी तभी साकार होगा जब हर वर्ग, हर क्षेत्र का नागरिक इसमें सक्रिय भूमिका निभाएगा।
चाहे वह पर्यावरण संरक्षण हो, डिजिटल साक्षरता, स्थानीय उत्पादों का समर्थन, या शिक्षा और कौशल में भागीदारी—हर क्षेत्र में जन सहयोग से परिवर्तन लाया जा रहा है।
“सबका प्रयास” इस आंदोलन का मूल मंत्र है। इसके अंतर्गत स्कूलों, पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों और युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है कि वे राष्ट्र निर्माण में भाग लें।
इस प्रकार, विकसित भारत 2047 केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर भारतीय का साझा सपना और आंदोलन बन चुका है।

(c) डिजिटल सहभागिता
“विकसित भारत @2047” के संकल्प में डिजिटल सहभागिता एक महत्वपूर्ण आधार है। इसका उद्देश्य है कि हर नागरिक तकनीक से जुड़कर विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बने।
सरकार ने डिजिटल इंडिया मिशन के माध्यम से नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन, पारदर्शी और सुगम बनाया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे MyGov, UMANG, DigiLocker, और BHIM UPI ने आम लोगों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं से सीधे जोड़ दिया है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग, व्यापार और सूचना के क्षेत्र में डिजिटल माध्यमों ने ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों तक पहुंच सुनिश्चित की है।
डिजिटल सहभागिता से न केवल जनसंवाद सशक्त हुआ है, बल्कि नीति निर्माण में भी नागरिकों की भागीदारी बढ़ी है।
सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत एक ऐसा डिजिटल सशक्त राष्ट्र बने, जहाँ हर नागरिक तकनीक के माध्यम से आत्मनिर्भर और जागरूक हो।
निष्कर्ष :
विकसित भारत @2047″ केवल एक नीति या योजना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है, जिसमें सरकार और जनता दोनों की समान भूमिका है। इस विज़न के अंतर्गत सरकार बहुआयामी रणनीतियों के माध्यम से देश को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। शिक्षा, कौशल विकास, बुनियादी ढांचा, पर्यावरण संरक्षण, और डिजिटल इंडिया जैसे क्षेत्रों में योजनाओं को गति दी जा रही है।
हालांकि, इन योजनाओं की सफलता जनता की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है। सरकार ने MyGov जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और जमीनी स्तर पर जन संवाद के माध्यम से नागरिकों को नीतियों का भागीदार बनाया है।
जनभागीदारी अब एक जनआंदोलन का रूप ले रही है, जिसमें हर नागरिक अपनी भूमिका समझ रहा है और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है। “सबका साथ, सबका प्रयास” इस संकल्प का मूल मंत्र बन चुका है।
अंततः, विकसित भारत 2047 का सपना तभी साकार होगा जब सरकार की दूरदर्शी रणनीतियाँ और जनता की जागरूक भागीदारी मिलकर एक समृद्ध, समावेशी और आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत करेंगी।
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