अग्निबाण[AGNIBAN] : 3D प्रिंटिंग से बने rocket लॉन्च,भारत रचा इतिहास

अग्निबाण रॉकेट [AGNIBAN], जिसे शॉर्ट में “अग्निबाण” के नाम से जाना जाता है, भारत द्वारा विकसित किया गया एक प्रमुख रॉकेट है। यह रॉकेट भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित किया गया है। AGNIBAN ROCKET का विकास और उसकी सफलताएं भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति का प्रतीक हैं।चेन्नई की प्राइवेट कंपनी को पांचवी कोशिश में मिली कामयाबी दुनिया के पहले 3D रॉकेट ‘अग्निबाण‘ [AGNIBAN] ने भरी सफल उड़ान , 300 किलो पेलोड 700 किलोमीटर ऊंचाई तक ले जाने की में है सक्षम।

“AGNIBAN” 3D प्रिंटिंग से बने रॉकेट लॉन्च का इतिहास एक नई और रोचक पहल का प्रतीक है। इस तकनीक का उपयोग कर रॉकेटों के निर्माण में कार्यक्षमता और गुणवत्ता में सुधार किया गया है। इससे न केवल निर्माण की कीमत कम हो गई है, बल्कि उत्कृष्टता और प्रदर्शन में भी सुधार हुआ है। इससे रॉकेट उड़ाने की प्रक्रिया में भी अद्वितीयता आई है, जिससे यात्रा और अन्वेषण के क्षेत्र में नए संभावनाओं का संज्ञान हुआ है। अब इस प्रौद्योगिकी का विस्तार अनेक राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों में भी हो रहा है, जिससे यात्रा की सामान्यता, स्वाभाविकता और स्थिरता में सुधार हो रहा है।

अग्निबाण [AGNIBAN], दुनिया का पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड सेमी–क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन

दरअसल यह दुनिया का पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड सेमी– क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है जो 100 किलो किलोग्राम पेलोड 700 किलोमीटर की ऊंचाई तक अपने साथ ले जा सकता है। बता दें ‘अग्निबाण’ [AGNIBAN] सब ऑर्बिटल टेक्नोलॉजीकल डेमोंस्ट्रेटर अग्निकुल के पेंटेटेड अग्निलेड इंजन द्वारा संचालित एक एकल चरण लॉन्च वाहन है।

अग्निबाण [AGNIBAN] लांच होने से लाभ

  1. उच्च दक्षता: सेमी क्रायोजेनिक इंजन उच्च दक्षता और अधिक थ्रस्ट प्रदान करते हैं, जिससे रॉकेट की प्रदर्शन क्षमता बढ़ती है।
  2. हल्का वजन: 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके इंजनों का निर्माण करने से उनका वजन कम होता है। यह रॉकेट के कुल वजन को कम करने में मदद करता है, जिससे ईंधन की खपत कम होती है और अंतरिक्ष में अधिक पेलोड भेजा जा सकता है।
  3. कम लागत: 3D प्रिंटिंग का उपयोग करके उत्पादन लागत को कम किया जा सकता है। पारंपरिक तरीकों की तुलना में 3D प्रिंटिंग अधिक सटीक और कम खर्चीली होती है।
  4. तेज़ निर्माण: 3D प्रिंटिंग के माध्यम से इंजन के निर्माण का समय काफी कम हो जाता है। यह तेजी से प्रोटोटाइपिंग और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
  5. पर्यावरणीय प्रभाव: सेमी क्रायोजेनिक इंजन अधिक पर्यावरण मित्र होते हैं क्योंकि वे तरल ऑक्सीजन और केरोसिन जैसे स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करते हैं, जो प्रदूषण को कम करते हैं।
  6. उच्च विश्वसनीयता: 3D प्रिंटिंग तकनीक से बने हिस्सों की सटीकता और गुणवत्ता अधिक होती है, जिससे इंजन की विश्वसनीयता और लंबी उम्र में सुधार होता है।

इन लाभों के कारण, अग्निबाण [AGNIBAN] 3D सेमी क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विशेषताएँ:

– यह एक अनुकूलन प्रक्षेपण यान है जिसे एक चरण में लॉन्च किया जा सकता है। रॉकेट करीब 18 मीटर लंबा है और इसका द्रव्यमान 14,000 किलोग्राम है।

– ‘अग्निबाण [AGNIBAN] पांच अलग-अलग कॉन्फ़िगरेशन में 100 किलोग्राम तक के पेलोड को 700 किमी की ऊंचाई तक ले जाने में सक्षम है।

– यह निम्न और उच्च झुकाव वाली दोनों कक्षाओं तक पहुंच सकता है।

– निजी एयरोस्पेस कंपनी ‘अग्निकुल’ कॉसमॉस ने इसे विकसित किया है।

– अग्निबाण [AGNIBAN] सब ऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमोंस्ट्रेटर ‘अग्निकुल’ के पेंटेटेड अग्निलेड इंजन द्वारा संचालित एक एकल चरण लॉन्च वाहन है।

– अग्निबाण रॉकेट को 10 से अधिक विभिन्न लॉन्च पोर्ट से लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है।

– कई लॉन्च पोर्ट के साथ इसकी अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए, अग्निकुल ने ‘धनुष’ नामक एक लॉन्च पेड स्टल बनाया है जो रॉकेट की सभी कॉन्फ़िगरेशन में इसकी गतिशीलता को सपोर्ट करेगा।

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