भारतीय शेयर बाजार एक वित्तीय मंच है जहां कंपनियों के शेयर और अन्य वित्तीय साधनों का व्यापार होता है। यह मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंजों, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), पर आधारित है। BSE एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जबकि NSE आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग का अग्रणी है। शेयर बाजार में निवेशक कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदकर लाभ कमाते हैं। बाजार का उद्देश्य कंपनियों को पूंजी जुटाने और निवेशकों को निवेश के अवसर प्रदान करना है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आर्थिक संकेतकों के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।
भारतीय शेयर बाजार अस्थिरता सूचकांक
अस्थिरता सूचकांक इसे VIX या वोलैटिलिटी इंडेक्स या भय सूचकांक भी कहा जाता है। यह निकट अवधि में बाजार की अस्थिरता को मापता है, यानी कीमतों के दर में परिवर्तन को वर्णित करता है।
हमारा शेयर बाजार किसी भी दिशा में तेजी से ऊपर या नीचे जा सकता है। इसमें दिशा निर्धारित नहीं होती लेकिन तीव्र बदलाव तय है । जैसे ही अस्थिरता कम होती है अस्थिरता सूचकांक में गिरावट आती है ।
शिकागो बोर्ड ऑफ ऑप्शंस एक्सचेंज एस एंड पी 100 इंडेक्स विकल्प कीमतों के आधार पर 1993 में अमेरिकी बाजारों के लिए अस्थिरता सूचकांक पेश किया ।
स्थापना के बाद यह बाजारों में भय और अस्थिरता मापने का एक उपाय बन गया।
इंडिया VIX क्या है ?
इंडिया VIX एक अस्थिरता सूचकांक है इसकी गणना एन.एस.सी द्वारा निफ़्टी ऑप्शंस की ऑर्डर बुक करने के आधार पर तैयार किया जाता है । निकट अवधि में बाजार की अस्थिरता के बारे में निवेशक की धारणा को दर्शाता है , यह आगामी 30 कैलेंडर दिनों में अपेक्षित बाजार की अस्थिरता है । इंडिया VIX का मान जितना अधिक होगा अस्थिरता उतनी ही अधिक होगी । भारत में इंडिया विक्स एवं निफ्टी 50 के बीच मुख्यतः नकारात्मक संबंध है ।
इंडिया विक्स जब नीचे होता है, तब निफ्टी 50 ऊपर होता है और जब निफ्टी 50 ऊपर होता है तब इंडिया विक्स नीचे होता है।
उदाहरण से हम समझने का प्रयास करते हैं की निफ्टी 50 जब 1000 पर हो और इंडिया VIX 20% पर हो तो, भारतीय इन्वेस्टर यह मानते हैं कि अगले 30 दिनों में निफ्टी50 ऊपर 20% जा सकता है या नीचे 20%
जा सकता है यानी मार्केट ऊपर 1200 और नीचे 800 तक जा सकता है।
आखिर क्यों बढ़ रहा है इंडिया VIX ?
मैं 2024 के दाता के अनुसार इंडिया विस करीब 53% से बढ़कर 20 से ऊपर पहुंच चुका है अक्सर किसी भी बड़ी घटना से पूर्व अनिश्चित और अस्थिरता बढ़ जाती है भारत में लोकसभा चुनाव इसी तरह की का बड़ा इवेंट्स है ऐसे में निवेशक के बीच दर का माहौल रहता है और निवेशक अपने पैसे मार्केट से निकाल लेते हैं।